Haryana Education NEWS हरियाणा प्रदेश के अंदर स्नातक स्तर की पढ़ाई छोड़ने वाले फिर से वे कॉलेजों में दाखिला ले सकेंगे ।
हरियाणा प्रदेश में स्कूली बच्चों के ड्रॉपआउट के साथ-साथ अब कॉलेज छात्रों के ड्रॉपआउट की समस्या भी लगातार बढ़ रही है । अब कॉलेज के विद्यार्थियों ने अपने हम उम्र के युवाओं के कॉलेज के बीच में छोड़ने के कारणों का पता लगाएंगे । इसके लिए सर्वे भी करवाया जाएगा जिसकी यह जिम्मेदारी राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत समाज सेवा में जुटे एनएसएस समय सेवकों को इस बारे में रिपोर्ट सौंपी गई है।
सर्वे करने वाले विद्यार्थियों को उच्च कक्षाओं में दाखिला में बकायदा पांच अंक अधिक का लाभ दिया जाएगा। इस बारे में कॉलेज के प्रिंसिपल रोजाना एक रिपोर्ट बनाएंगे सर्वे के लिए उच्चतर शिक्षा अधिकारियों और कॉलेज के प्रिंसिपल को नोडल आफिसर नियुक्त किया गया है और इसके साथ ही कॉलेज में कमेटी भी बनाई गई है इस कार्य के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा ताकि दैनिक गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। इस सर्वे में जुड़े सभी लोगों को मोबाइल नंबरों के माध्यम से जोड़ा जाएगा । इसके अलावा कॉलेज के प्रिंसिपल को अपने संबंधित उच्च शिक्षा अधिकारियों के बारे में सर्वे की दैनिक रिपोर्ट बनाकर भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं ।
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हरियाणा प्रदेश के अंदर स्कूली बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ने का यह मामला काफी लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है । हरियाणा प्रदेश के अंदर छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षा ड्रॉपआउट दर जहां 0.2 प्रतिशत है, वहीं नोवी से दसवीं कक्षा तक के ड्रॉपआउट दर 4.9 प्रतिशत के लगभग है।
शिक्षा विभाग का यह भी मानना है कि विद्यार्थी जैसे-जैसे बड़ी कक्षाओं के अंदर जाते हैं वैसे वैसे ही नियमित कक्षाओं से वे दूर हो रहे हैं । इस उच्चतर शिक्षा विभाग ने ड्रॉपआउट युवाओं का पता लगाने के लिए कॉलेज छात्रों की ड्यूटी लगाई है । इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना एनएसएस के तहत पांच अंक दिए जाएंगे । विद्यार्थियों को सर्वे के माध्यम से यह पता लगाना होगा कि राज्य में 18 से 25 साल तक के ऐसे कितने युवा हैं जो कॉलेज छोड़ कर अभी खाली बैठे हुए हैं ।
ऐसे ड्रॉपआउट खाली बैठे हुए युवाओं का डाटा एकत्रित किया जाएगा कॉलेज छोड़कर घर बैठे युवाओं को वापस इस उच्च शिक्षा से जोड़ा जाएगा । ऐसे युवाओं को उनकी रूचि के आधार पर उन्हें रोजगार का परीक्षण दिलाने की भी योजना है । डोर टू डोर सर्वे से विद्यार्थियों को ड्रॉपआउट विद्यार्थियों की वेबसाइट स्थिति के बारे में भी जानकारी एकत्रित करनी होगी । इसके लिए विभाग की ओर से छात्रों और शिक्षकों को टेबलेट दिए जाएंगे ताकि यह सर्वे आसानी से किया जा सके ।